डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU), लखनऊ ने हाल ही में आयोजित विद्या परिषद की बैठक में एक अहम फैसला लिया है। अब AKTU Carry Over Exam बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) आधारित होगी। इस बदलाव से संबद्ध कॉलेजों के हजारों छात्रों पर असर पड़ेगा। पहले यह परीक्षा थ्योरी फॉर्मेट में होती थी, जिसमें छात्रों को विस्तृत उत्तर लिखने पड़ते थे, लेकिन अब नए फॉर्मेट में केवल सही विकल्प चुनना होगा।
नया परीक्षा पैटर्न
AKTU Carry Over Exam के नए MCQ पैटर्न में सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प होंगे और उनमें से केवल एक सही होगा। कठिनाई का स्तर थ्योरी पेपर जैसा ही रहेगा, यानी छात्रों को सिर्फ रटने से काम नहीं चलेगा, बल्कि कॉन्सेप्ट और बेसिक्स पर भी पकड़ मजबूत रखनी होगी। परीक्षा OMR शीट या कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) पर हो सकती है, जिससे मूल्यांकन तेज़ और पारदर्शी होगा।

बदलाव का कारण
इस बदलाव के पीछे विश्वविद्यालय ने कई कारण बताए हैं। सबसे बड़ा कारण मूल्यांकन प्रक्रिया को तेज और निष्पक्ष बनाना है। MCQ आधारित परीक्षा में रिजल्ट जल्दी तैयार हो सकेगा और मानव त्रुटि की संभावना कम होगी। इसके अलावा, यह बदलाव छात्रों की अवधारणा-आधारित समझ का आकलन करने में मदद करेगा, जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार होगा।
पहले और अब का अंतर
पहलू | पहले (थ्योरी) | अब (MCQ) |
---|---|---|
उत्तर प्रारूप | विस्तृत उत्तर लिखना | विकल्प चुनना |
समय प्रबंधन | लंबे उत्तर के लिए समय | सीमित समय में तेज़ उत्तर |
मूल्यांकन | मैनुअल कॉपी जांच | OMR/ऑनलाइन ऑटोमेटेड |
कठिनाई स्तर | सामान्य | समान (थ्योरी के बराबर) |
रिजल्ट आने का समय | अधिक | कम |
छात्रों पर असर
इस बदलाव से छात्रों के पढ़ाई के तरीके में बड़ा फर्क आएगा। अब उन्हें छोटे-छोटे टॉपिक्स, फैक्ट्स और कॉन्सेप्ट पर ध्यान देना होगा। समय प्रबंधन और सही उत्तर देने की क्षमता महत्वपूर्ण हो जाएगी। गेसवर्क से बचना जरूरी होगा, खासकर अगर नेगेटिव मार्किंग लागू की जाती है।
तैयारी के लिए जरूरी टिप्स
- सिलेबस को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर पढ़ाई करें।
- पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल करें ताकि MCQ पैटर्न समझ सकें।
- मॉक टेस्ट देकर समय सीमा में हल करने की आदत डालें।
- कॉन्सेप्ट क्लियर रखें, केवल रटने पर निर्भर न रहें।
- एक फॉर्मूला नोटबुक बनाएं और रोजाना रिवीजन करें।
- छोटे फैक्ट्स और परिभाषाओं पर ध्यान दें।
- मॉक टेस्ट के बाद गलतियों का विश्लेषण करें।
- आसान सवाल पहले हल करें, कठिन सवाल बाद में।
- अगर नेगेटिव मार्किंग हो तो अंदाजा लगाकर उत्तर देने से बचें।
- नियमित अभ्यास और रिवीजन जारी रखें।
उदाहरण
पहले थ्योरी पेपर में “Ohm’s Law” पर सवाल इस तरह आता था –
“Explain Ohm’s Law with derivation and diagram.”
लेकिन MCQ फॉर्मेट में यही सवाल इस तरह होगा –
“According to Ohm’s Law, V = ?
a) IR
b) I/R
c) R/I
d) None of these”
MCQ में सही उत्तर तुरंत पहचानने की क्षमता होना जरूरी है, क्योंकि समय सीमित होगा।
संभावित फायदे
- रिजल्ट जल्दी और पारदर्शी तरीके से घोषित होंगे।
- सभी छात्रों के लिए समान अवसर मिलेगा।
- पढ़ाई कॉन्सेप्ट और प्रैक्टिकल ज्ञान पर आधारित होगी।
संभावित चुनौतियां
- रटने पर निर्भर छात्रों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
- समय प्रबंधन में कठिनाई हो सकती है।
- अगर नेगेटिव मार्किंग लागू होती है तो गेसवर्क नुकसानदायक होगा।
नतीजा
AKTU का कैरी ओवर परीक्षा को MCQ आधारित करने का निर्णय छात्रों के लिए एक नई चुनौती लेकर आया है। यह बदलाव परीक्षा प्रक्रिया को तेज और निष्पक्ष बनाएगा, लेकिन इसके साथ ही छात्रों को अपनी तैयारी की रणनीति बदलनी होगी। सही तैयारी, कॉन्सेप्ट की गहरी समझ और समय प्रबंधन इस नए पैटर्न में सफलता की कुंजी होंगे।
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AKTU Carry Over Exam MCQ पैटर्न – FAQs
Q1. क्या सभी कैरी ओवर पेपर्स MCQ आधारित होंगे?
हाँ, 2025 से सभी थ्योरी आधारित कैरी ओवर पेपर्स MCQ आधारित होंगे।
Q2. क्या प्रैक्टिकल विषयों में भी बदलाव होगा?
प्रैक्टिकल विषयों में MCQs के साथ केस स्टडी और प्रैक्टिकल असेसमेंट भी हो सकता है।
Q3. क्या नेगेटिव मार्किंग होगी?
अभी विश्वविद्यालय ने इस पर आधिकारिक सूचना जारी नहीं की है।
Q4. रिजल्ट कब आएगा?
MCQ आधारित परीक्षा होने से रिजल्ट 2-3 हफ्तों में जारी हो सकता है।